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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Josh Malihabadi's Photo'

जोश मलीहाबादी

1898 - 1982 | इस्लामाबाद, पाकिस्तान

सबसे गर्म मिज़ाज प्रगतिशील शायर जिन्हें शायर-ए-इंकि़लाब (क्रांति-कवि) कहा जाता है

सबसे गर्म मिज़ाज प्रगतिशील शायर जिन्हें शायर-ए-इंकि़लाब (क्रांति-कवि) कहा जाता है

जोश मलीहाबादी की चित्र शायरी

हद है अपनी तरफ़ नहीं मैं भी

इंसान के लहू को पियो इज़्न-ए-आम है

एक दिन कह लीजिए जो कुछ है दिल में आप के

एक दिन कह लीजिए जो कुछ है दिल में आप के

हद है अपनी तरफ़ नहीं मैं भी

मेरे रोने का जिस में क़िस्सा है

हद है अपनी तरफ़ नहीं मैं भी

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