ख़ावर जीलानी
ग़ज़ल 13
अशआर 14
सभी किरदार थक कर सो गए हैं
मगर अब तक कहानी चल रही है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
जीना तो अलग बात है मरना भी यहाँ पर
हर शख़्स की अपनी ही ज़रूरत के लिए है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
वक़्त गुज़र जाता है लेकिन दिल की रंजिश
दिल में बैठी की बैठी ही रह जाती है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
वो कुछ से कुछ बना डालेगा तस्लीमात के मअनी
सलीक़ा आ गया उस को अगर इंकार करने का
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
सच्चाई वो जंग है जिस में बाज़ औक़ात सिपाही को
आप मुक़ाबिल अपने ही डट जाना पड़ता है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए