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किश्वर नाहीद का परिचय
उपनाम : 'नाहिद'
मूल नाम : किश्वर नाहीद
जन्म : 17 Jun 1940 | बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
संबंधी : मुख़्तार सिद्दीक़ी (गुरु)
कुछ यूँ ही ज़र्द ज़र्द सी 'नाहीद' आज थी
कुछ ओढ़नी का रंग भी खिलता हुआ न था
किश्वर नाहीद पाकिस्तान की एक समादृत शायरा हैं। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से अर्थशास्त्र में एम.ए. की डिग्री हासिल की है। वह एक अत्यधिक सृजनशील लेखिका हैं, और उनकी शायरी के 12 संग्रह पाकिस्तान और भारत से प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी उर्दू शायरी विदेशों में भी प्रकाशित हुई है। उन्होंने बच्चों के लिए भी आठ पुस्तकें लिखी हैं और बच्चों के साहित्य के लिए प्रतिष्ठित यूनेस्को पुरस्कार जीता है। बच्चों के प्रति उनका प्रेम उतना ही है जितना कि महिलाओं के प्रति उनकी चिंता। वह इस चिंता को अपनी कविता "असिन बुरियाँ वे लोको" में व्यक्त करती हैं, जो वर्तमान पुरुष-प्रधान समाज में महिलाओं की दुर्दशा पर एक मार्मिक ध्यान केंद्रित करती है। किश्वर नाहीद की शेर-ओ-शायरी में उनकी लोकप्रिय किताबें जैसे “लब-ए-गोया”, “बेनाम मुसाफ़त”, “गलियाँ, धूप, दरवाज़े”, “बुरी औरत की कथा”आदि शामिल हैं।