कुलदीप कुमार के शेर
दरख़्त करते नहीं इस लिए उमीद-ए-वफ़ा
वो जानते हैं परिंदों के पर निकलते हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मौसम-ए-याद यूँ उजलत में न वारे जाएँ
हम वो लम्हे हैं जो फ़ुर्सत से गुज़ारे जाएँ
-
टैग : याद
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड