मफ़तून देहलवी के शेर
क़ंद-लब का उन के बोसा बे-तकल्लुफ़ ले लिया
गालियाँ खाईं बला से मुँह तो मीठा हो गया
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere