25 अप्रैल 1985 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज़िले में जन्मे मारूफ़ रायबरेलवी कानपुर-विश्वविद्यालय से उर्दू से एम. ए. हैं और लम्बे वक़्त से मुशायरों में शायर व मंच-संचालक के रूप में अपनी एक अलग शिनाख़्त रखते हैं। रायबरेली और उसके आस-पास के उस्ताद शायरों की अच्छी सोहबत का नतीजा है कि शायरी के छंद-शास्त्र (इल्मे-अरूज़) की अच्छी जानकारी रखते हैं। इनकी शायरी में जदीदियत और क्लासिकल रंग की आमेज़िश देखने को मिलती है जिस वज्ह से ये अपनी पीढ़ी के शायरों में एक अलग पहचान रखते हैं। शायरी के साथ-साथ रोज़गार के लिए दवाओं के कारोबार में मसरूफ़ रहते हैं।