Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

मस्त बनारसी

1876 - 1914

मस्त बनारसी का परिचय

उपनाम : 'मस्त'

मूल नाम : सय्यद अब्दुल हमीद

मस्त बनारसी, सय्यद अब्दुल हमीद (1876-1914) बचपन में घर का माहौल शाइ’री के लिए साज़गार नहीं था मगर ख़ून में शाइ’री रवाँ होने के सबब उनके अन्दर का शाइ’र ज़िन्दा रहा। शादी के बा’द अ’ज़ीमाबाद (पटना) में जहाँ ग़ज़ल-गोई रंग लाई। अपने ससुर ‘हफ़ीज़’ अ’ज़ीमाबादी और ‘शाद’ अ’ज़ीमाबादी को कुछ कलाम दिखाया, और कुछ मशवरा अमीर मीनाई से भी किया। पेशे से वकील थे।

संबंधित टैग

Recitation

बोलिए