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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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मज़ाक़ बदायूनी

1819 - 1894 | बदायूँ, भारत

क्लासिकी शायरों में शामिल, दाग़ देहलवी और अमीर मीनाई के हमअस्र, ग़ज़लों के अलावा हम्द-ओ-नात भी दीवान में शामिल

क्लासिकी शायरों में शामिल, दाग़ देहलवी और अमीर मीनाई के हमअस्र, ग़ज़लों के अलावा हम्द-ओ-नात भी दीवान में शामिल

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