Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

मीर ज़ियाउद्दीन ज़िया

- 1780

मीर ज़ियाउद्दीन ज़िया

ग़ज़ल 1

 

अशआर 4

कौन से ज़ख़्म का खुला टाँका

आज फिर दिल में दर्द होता है

  • शेयर कीजिए

भूल कर भी कभी याद किया

हम तिरे जी से ऐसे भूल गए

  • शेयर कीजिए

रुस्वाइयों की अपनी मुझे कुछ हवस नहीं

नासेह क्या करूँ कि मिरा दिल पे बस नहीं

  • शेयर कीजिए

जम्अ' कर के दर्द सारे तू ने पैदा दिल किया

कह तू दस्त-ए-क़ज़ा इस से क्या हासिल किया

  • शेयर कीजिए

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए