Gai wo baat ki ho guftugu to kyunkar ho मेहनाज़ बेगम
अश्क-ए-रवाँ की नहर है और हम हैं दोस्तो मेहनाज़ बेगम
तू उरूस-ए-शाम-ए-ख़याल भी तो जमाल-ए-रू-ए-सहर भी है मेहनाज़ बेगम
gai wo baat ki ho guftugu to kyunkar ho मेहनाज़ बेगम
तू उरूस-ए-शाम-ए-ख़याल भी तू जमाल-ए-रू-ए-सहर भी है मेहनाज़ बेगम
हवस को है नशात-ए-कार क्या क्या मेहनाज़ बेगम
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