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मेहरान अमरोही

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मेहरान अमरोही

मेहरान अमरोही

मेहरान अमरोही

अंजाम

हैं लबरेज़ आहों से ठंडी हवाएँ मेहरान अमरोही

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे

मेहरान अमरोही

आ गई याद शाम ढलते ही

मेहरान अमरोही

आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा

मेहरान अमरोही

आख़िरी ख़त

वो वक़्त मिरी जान बहुत दूर नहीं है मेहरान अमरोही

आज शब कोई नहीं है

आज शब दिल के क़रीं कोई नहीं है मेहरान अमरोही

आप का ए'तिबार कौन करे

मेहरान अमरोही

आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक

मेहरान अमरोही

इतना न अपने जामे से बाहर निकल के चल

मेहरान अमरोही

इंतिज़ार

गुज़र रहे हैं शब ओ रोज़ तुम नहीं आतीं मेहरान अमरोही

इश्क़ क्या क्या आफ़तें लाता रहा

मेहरान अमरोही

इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना

मेहरान अमरोही

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया

मेहरान अमरोही

कठिन तन्हाइयों से कौन खेला मैं अकेला

मेहरान अमरोही

क्या कहूँ तुम से मैं कि क्या है इश्क़

मेहरान अमरोही

क़ुर्बतों में भी जुदाई के ज़माने माँगे

मेहरान अमरोही

काश उठीं हम भी गुनहगारों के बीच

मेहरान अमरोही

की वफ़ा हम से तो ग़ैर इस को जफ़ा कहते हैं

मेहरान अमरोही

कोई दिन गर ज़िंदगानी और है

मेहरान अमरोही

ख़ूब रोका शिकायतों से मुझे

मेहरान अमरोही

ग़म रहा जब तक कि दम में दम रहा

मेहरान अमरोही

ग़ैर को मुँह लगा के देख लिया

मेहरान अमरोही

गीत

चलो फिर से मुस्कुराएँ मेहरान अमरोही

चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा

मेहरान अमरोही

जब तेरी समुंदर आँखों में

ये धूप किनारा शाम ढले मेहरान अमरोही

जिगर के टुकड़े हुए जल के दिल कबाब हुआ

मेहरान अमरोही

ज़िंदगी से यही गिला है मुझे

मेहरान अमरोही

जो रानाई निगाहों के लिए फ़िरदौस-ए-जल्वा है

मेहरान अमरोही

टुकड़े नहीं हैं आँसुओं में दिल के चार पाँच

मेहरान अमरोही

तुम जानो तुम को ग़ैर से जो रस्म-ओ-राह हो

मेहरान अमरोही

तमन्नाओं में उलझाया गया हूँ

मेहरान अमरोही

तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किस का था

मेहरान अमरोही

तेरी बातें ही सुनाने आए

मेहरान अमरोही

दुख फ़साना नहीं कि तुझ से कहें

मेहरान अमरोही

दाइम पड़ा हुआ तिरे दर पर नहीं हूँ मैं

मेहरान अमरोही

दिल को क्या हो गया ख़ुदा जाने

मेहरान अमरोही

दिल गया दिल का निशाँ बाक़ी रहा

मेहरान अमरोही

दिल चुरा कर नज़र चुराई है

मेहरान अमरोही

दिल जलता है शाम सवेरे

मेहरान अमरोही

दोस्त ग़म-ख़्वारी में मेरी सई फ़रमावेंगे क्या

मेहरान अमरोही

दोस्ती जब किसी से की जाए

मेहरान अमरोही

न किसी की आँख का नूर हूँ न किसी के दिल का क़रार हूँ

मेहरान अमरोही

नुक्ता-चीं है ग़म-ए-दिल उस को सुनाए न बने

मेहरान अमरोही

पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है

मेहरान अमरोही

फ़क़ीराना आए सदा कर चले

मेहरान अमरोही

फिर कुछ इक दिल को बे-क़रारी है

मेहरान अमरोही

बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे

मेहरान अमरोही

भरी है दिल में जो हसरत कहूँ तो किस से कहूँ

मेहरान अमरोही

मर गए ऐ वाह उन की नाज़-बरदारी में हम

मेहरान अमरोही

मेरे लब पर कोई दु'आ ही नहीं

मेहरान अमरोही

मेरी अक़्ल-ओ-होश की सब हालतें

मेहरान अमरोही

मुँह तका ही करे है जिस तिस का

मेहरान अमरोही

मोहब्बत का असर जाता कहाँ है

मेहरान अमरोही

ये क्या कि सब से बयाँ दिल की हालतें करनी

मेहरान अमरोही

या मुझे अफ़सर-ए-शाहाना बनाया होता

मेहरान अमरोही

यारो मुझे मुआ'फ़ रखो मैं नशे में हूँ

मेहरान अमरोही

यारो मुझे मुआ'फ़ रखो मैं नशे में हूँ

मेहरान अमरोही

रोग दिल को लगा गईं आँखें

मेहरान अमरोही

लगता नहीं है दिल मिरा उजड़े दयार में

मेहरान अमरोही

लाई हयात आए क़ज़ा ले चली चले

मेहरान अमरोही

वाँ इरादा आज उस क़ातिल के दिल में और है

मेहरान अमरोही

वाँ रसाई नहीं तो फिर क्या है

मेहरान अमरोही

वो ज़माना नज़र नहीं आता

मेहरान अमरोही

वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो

मेहरान अमरोही

वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ

मेहरान अमरोही

शग़्ल बेहतर है इश्क़-बाज़ी का

मेहरान अमरोही

शर्म दहशत झिझक परेशानी

मेहरान अमरोही

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं

मेहरान अमरोही

सब रंग में उस गुल की मिरे शान है मौजूद

मेहरान अमरोही

सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं

मेहरान अमरोही

सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता

मेहरान अमरोही

साक़िया एक नज़र जाम से पहले पहले

मेहरान अमरोही

साल-हा-साल और इक लम्हा

मेहरान अमरोही

सिलसिले तोड़ गया वो सभी जाते जाते

मेहरान अमरोही

सीने में दाग़ है तपिश-ए-इंतिज़ार का

मेहरान अमरोही

हम ये तो नहीं कहते कि ग़म कह नहीं सकते

मेहरान अमरोही

हर कोई दिल की हथेली पे है सहरा रक्खे

मेहरान अमरोही

हैराँ हूँ दिल को रोऊँ कि पीटूँ जिगर को मैं

मेहरान अमरोही

हस्ती अपनी हबाब की सी है

मेहरान अमरोही

हाए लोगों की करम-फ़रमाइयाँ

मेहरान अमरोही

होंटों पे मोहब्बत के फ़साने नहीं आते

मेहरान अमरोही

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