noImage

नातिक़ गुलावठी

1886 - 1969 | नागपुर, भारत

नातिक़ गुलावठी

ग़ज़ल 45

अशआर 110

क्या इरादे हैं वहशत-ए-दिल के

किस से मिलना है ख़ाक में मिल के

  • शेयर कीजिए

तुम ऐसे अच्छे कि अच्छे नहीं किसी के साथ

मैं वो बुरा कि किसी का बुरा नहीं करता

  • शेयर कीजिए

किस को मेहरबाँ कहिए कौन मेहरबाँ अपना

वक़्त की ये बातें हैं वक़्त अब कहाँ अपना

  • शेयर कीजिए

ज़ाहिर था नहीं सही लेकिन ज़ुहूर था

कुछ क्यूँ था जहान में कुछ तो ज़रूर था

  • शेयर कीजिए

हमारे ऐब में जिस से मदद मिले हम को

हमें है आज कल ऐसे किसी हुनर की तलाश

  • शेयर कीजिए

पुस्तकें 5

 

चित्र शायरी 1

 

"नागपुर" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए