नाज़ वाई के शेर
बे-ख़ुदी ने कर दिया जज़्बात-ए-दिल से बे-नियाज़
अब तिरा मिलना न मिलना सब बराबर हो गया
-
टैग : बेख़ुदी
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
जब ज़बानों पे तुम से तू आया
ख़ाक फिर लुत्फ़-ए-गुफ़्तुगू आया
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड