aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1930 - 2001 | इस्लामाबाद, पाकिस्तान
जो लोग मौत को ज़ालिम क़रार देते हैं
ख़ुदा मिलाए उन्हें ज़िंदगी के मारों से
और ही वो लोग हैं जिन को है यज़्दाँ की तलाश
मुझ को इंसानों की दुनिया में है इंसाँ की तलाश
किसी की मेहरबानी से मोहब्बत मुतमइन क्या हो
मोहब्बत तो मोहब्बत से भी आसूदा नहीं होती
आए तो दिल था बाग़ बाग़ और गए तो दाग़ दाग़
कितनी ख़ुशी वो लाए थे कितना मलाल दे गए
रात से शिकायत क्या बस तुम्हीं से कहना है
तुम ज़रा ठहर जाओ रात कब ठहरती है
A Peep Into Literature And Philosophy
1999
Columns on Books in English and Urdu
1998
Dr Andaleeb Shadani
Ek Mutala
1985
डॉ अंदलीब शादानी
एक मुताला
Glimpses of The East and West in Literature
1996
Guzargah-e-Khayal
Harf-e-Taza: Bayad-e-Nazeer Siddiqi
2005
Hasrat-e-Izhar
1977
Iqbal In His varied Aspects
1995
Jan Pahchan
Khake
1979
रात से शिकायत क्या बस तुम्हीं से कहना है तुम ज़रा ठहर जाओ रात कब ठहरती है
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