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Noshi Gilani's Photo'

नोशी गिलानी

1964 | ऑस्ट्रेलिया

पाकिस्तान की मशहूर शायरा

पाकिस्तान की मशहूर शायरा

नोशी गिलानी

ग़ज़ल 23

नज़्म 10

अशआर 14

उसे लाख दिल से पुकार लो उसे देख लो

कोई एक हर्फ़ जवाब में नहीं आएगा

उस शहर में कितने चेहरे थे कुछ याद नहीं सब भूल गए

इक शख़्स किताबों जैसा था वो शख़्स ज़बानी याद हुआ

तितलियाँ जुगनू सभी होंगे मगर देखेगा कौन

हम सजा भी लें अगर दीवार-ओ-दर देखेगा कौन

मैं तन्हा लड़की दयार-ए-शब में जलाऊँ सच के दिए कहाँ तक

सियाहकारों की सल्तनत में मैं किस तरह आफ़्ताब लिक्खूँ

ये आरज़ू थी कि हम उस के साथ साथ चलें

मगर वो शख़्स तो रस्ता बदलता जाता है

पुस्तकें 3

 

चित्र शायरी 6

 

वीडियो 5

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वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
Nazm - Ikhtiyaar

नोशी गिलानी

Noshi Gilani at Silakot in 2008

नोशी गिलानी

अजीब ख़्वाहिश है शहर वालों से छुप छुपा कर किताब लिक्खूँ

नोशी गिलानी

मोहब्बतें जब शुमार करना तो साज़िशें भी शुमार करना

नोशी गिलानी

वो बात बात में इतना बदलता जाता है

नोशी गिलानी

ऑडियो 7

अब किस से कहें और कौन सुने जो हाल तुम्हारे बाद हुआ

जीवन को दुख दुख को आग और आग को पानी कहते

मोहब्बतें जब शुमार करना तो साज़िशें भी शुमार करना

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