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Obaidullah Aleem's Photo'

उबैदुल्लाह अलीम

1939 - 1998 | कराची, पाकिस्तान

पाकिस्तान के अग्रणी आधुनिक शायरों में शामिल।

पाकिस्तान के अग्रणी आधुनिक शायरों में शामिल।

उबैदुल्लाह अलीम के वीडियो

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हास्य वीडियो
जहाँ तेरा नक़्श-ए-क़दम देखते हैं

उबैदुल्लाह अलीम

मोहब्बत अब नहीं होगी

सितारे जो दमकते हैं उबैदुल्लाह अलीम

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शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

उबैदुल्लाह अलीम

उबैदुल्लाह अलीम

उबैदुल्लाह अलीम

मैं ये किस के नाम लिक्खूँ जो अलम गुज़र रहे हैं

उबैदुल्लाह अलीम

मिट्टी था मैं ख़मीर तिरे नाज़ से उठा

उबैदुल्लाह अलीम

हम ने खुलने न दिया बे-सर-ओ-सामानी को

उबैदुल्लाह अलीम

अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए

उबैदुल्लाह अलीम

अब तो फ़िराक़-ए-सुब्ह में बुझने लगी हयात

उबैदुल्लाह अलीम

आओ तुम ही करो मसीहाई

उबैदुल्लाह अलीम

कुछ इश्क़ था कुछ मजबूरी थी सो मैं ने जीवन वार दिया

उबैदुल्लाह अलीम

कोई धुन हो मैं तिरे गीत ही गाए जाऊँ

उबैदुल्लाह अलीम

चाँद-चेहरा सितारा-आँखें

मिरे ख़ुदाया मैं ज़िंदगी के अज़ाब लिक्खूँ कि ख़्वाब लिक्खूँ उबैदुल्लाह अलीम

जो उस ने किया उसे सिला दे

उबैदुल्लाह अलीम

तू अपनी आवाज़ में गुम है मैं अपनी आवाज़ में चुप

उबैदुल्लाह अलीम

तेरे प्यार में रुस्वा हो कर जाएँ कहाँ दीवाने लोग

उबैदुल्लाह अलीम

दुआ दुआ चेहरा

दुआ दुआ वो चेहरा उबैदुल्लाह अलीम

दिल ही थे हम दुखे हुए तुम ने दुखा लिया तो क्या

उबैदुल्लाह अलीम

बना गुलाब तो काँटे चुभा गया इक शख़्स

उबैदुल्लाह अलीम

बाहर का धन आता जाता अस्ल ख़ज़ाना घर में है

उबैदुल्लाह अलीम

बाहर का धन आता जाता अस्ल ख़ज़ाना घर में है

उबैदुल्लाह अलीम

मैं कैसे जियूँ गर ये दुनिया हर आन नई तस्वीर न हो

उबैदुल्लाह अलीम

मैं ये किस के नाम लिक्खूँ जो अलम गुज़र रहे हैं

उबैदुल्लाह अलीम

मिट्टी था मैं ख़मीर तिरे नाज़ से उठा

उबैदुल्लाह अलीम

मिरे ख़ुदा मुझे वो ताब-ए-नय-नवाई दे

उबैदुल्लाह अलीम

मिरे ख़ुदा मुझे वो ताब-ए-नय-नवाई दे

उबैदुल्लाह अलीम

वहशतें कैसी हैं ख़्वाबों से उलझता क्या है

उबैदुल्लाह अलीम

वीरान सराए का दिया है

उबैदुल्लाह अलीम

वो ख़्वाब ख़्वाब फ़ज़ा-ए-तरब नहीं आई

उबैदुल्लाह अलीम

सुख़न में सहल नहीं जाँ निकाल कर रखना

उबैदुल्लाह अलीम

सुख़न में सहल नहीं जाँ निकाल कर रखना

उबैदुल्लाह अलीम

हँसो तो रंग हूँ चेहरे का रोओ तो चश्म-ए-नम में हूँ

उबैदुल्लाह अलीम

हिज्र करते या कोई वस्ल गुज़ारा करते

उबैदुल्लाह अलीम

हिज्र करते या कोई वस्ल गुज़ारा करते

उबैदुल्लाह अलीम

ख़याल-ओ-ख़्वाब हुई हैं मोहब्बतें कैसी

उबैदुल्लाह अलीम

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ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूँ

ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूँ फ़रीदा ख़ानम

कुछ इश्क़ था कुछ मजबूरी थी सो मैं ने जीवन वार दिया

कुछ इश्क़ था कुछ मजबूरी थी सो मैं ने जीवन वार दिया फ़रीदा ख़ानम

कुछ दिन तो बसो मिरी आँखों में

कुछ दिन तो बसो मिरी आँखों में बिल्क़ीस ख़ानम

कोई धुन हो मैं तिरे गीत ही गाए जाऊँ

कोई धुन हो मैं तिरे गीत ही गाए जाऊँ रुना लैला

तेरे प्यार में रुस्वा हो कर जाएँ कहाँ दीवाने लोग

तेरे प्यार में रुस्वा हो कर जाएँ कहाँ दीवाने लोग नूर जहाँ

नींद आँखों से उड़ी फूल से ख़ुश्बू की तरह

नींद आँखों से उड़ी फूल से ख़ुश्बू की तरह अज्ञात

बना गुलाब तो काँटे चुभा गया इक शख़्स

बना गुलाब तो काँटे चुभा गया इक शख़्स रुना लैला

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वीरान सराए का दिया है आबिदा परवीन

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