पिन्हाँ बरेलवी, सिपह्रर आरा, राबिआ’ ख़ातून (1906-1972) बरेली (उत्तर प्रदेश) के एक साहित्यिक घराने की चश्म-ओ-चराग़। जन्मसहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ। उर्दू, फ़ारसी, अंग्रेज़ीकी शिक्षाघर पर ही हासिल की। ये चार बहनें थीं और चारों साहित्य-कर्मसे जुड़ीथीं। पर्दाकरती थीं मगर अंतर्मन के पर्देउठे हुए थे। आज़ादी के बा’द कराची जा बसीं। नज़्में ज़ियादा लिखीं।
You have exhausted 5 free content pages per year. Register and enjoy UNLIMITED access to the whole universe of Urdu Poetry, Rare Books, Language Learning, Sufi Mysticism, and more.