राज नारायन राज़ एक अच्छे शायर, पत्रकार, अदीब और एक योग्य संपादक की हैसियत से प्रसिद्ध हैं। उनकी पैदाइश लोरालाई (ब्लूचिस्तान, पाकिस्तान) में 27 अक्तूबर 1930 को हुई। विभाजन के समय उनका परिवार दिल्ली आ गया। राज़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम.ए. किया और सूचना व प्रसारण मंत्रालय में मुलाज़िम हो गये। उसके बाद ‘आजकल’ का संपादन किया। उनके संपादन में ‘आजकल’ के दस्तावेज़ी हैसियत के कई विशेष अंक प्रकाशित हुए जिनमें ‘मीर नम्बर’, ‘हिन्दी नम्बर’, ‘पंजाबी नम्बर’, ‘सहाफ़त नम्बर’ अहम हैं।
राज़ ने कई विधाओं में शायरी की। उनके काव्य संग्रह ‘लज़्ज़त लफ़्ज़ों की’, ‘चाँदनी अषाढ़ की’ और ‘धनक एहसास की’, उनकी शायराना अहमियत की दलील हैं। शायरी के अलावा राज़ ने विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और साहित्यिक विषयों पर आलेख भी लिखे। ख़्वाजा अहमद अब्बास और मुनव्वर लखनवी पर विधिवत किताबें लिखीं। आख़िरी उम्र में टेक्सास में निवास था, वहीं 8 नवंबर 1998 को देहांत हुआ।
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