Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Rajinder Manchanda Bani's Photo'

राजेन्द्र मनचंदा बानी

1932 - 1981 | दिल्ली, भारत

आधुनिक उर्दू ग़ज़ल की सबसे शक्तिशाली आवाज़ों में शामिल।

आधुनिक उर्दू ग़ज़ल की सबसे शक्तिशाली आवाज़ों में शामिल।

राजेन्द्र मनचंदा बानी के ऑडियो

ग़ज़ल

इक गुल-ए-तर भी शरर से निकला

नोमान शौक़

ख़ाक ओ ख़ूँ की वुसअतों से बा-ख़बर करती हुई

नोमान शौक़

घनी-घनेरी रात में डरने वाला मैं

नोमान शौक़

चली डगर पर कभी न चलने वाला मैं

नोमान शौक़

चाँद की अव्वल किरन मंज़र-ब-मंज़र आएगी

नोमान शौक़

ज़माँ मकाँ थे मिरे सामने बिखरते हुए

नोमान शौक़

तमाम रास्ता फूलों भरा है मेरे लिए

नोमान शौक़

न मंज़िलें थीं न कुछ दिल में था न सर में था

नोमान शौक़

पैहम मौज-ए-इमकानी में

नोमान शौक़

पी चुके थे ज़हर-ए-ग़म ख़स्ता-जाँ पड़े थे हम चैन था

नोमान शौक़

फ़ज़ा कि फिर आसमान भर थी

नोमान शौक़

मैं चुप खड़ा था तअल्लुक़ में इख़्तिसार जो था

नोमान शौक़

मेहराब न क़िंदील न असरार न तमसील

नोमान शौक़

मोड़ था कैसा तुझे था खोने वाला मैं

नोमान शौक़

लिबास उस का अलामत की तरह था

नोमान शौक़

शफ़क़ शजर मौसमों के ज़ेवर नए नए से

नोमान शौक़

सदा-ए-दिल इबादत की तरह थी

नोमान शौक़

हरी सुनहरी ख़ाक उड़ाने वाला मैं

नोमान शौक़

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए