Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

राणा गन्नौरी

1938 | दिल्ली, भारत

राणा गन्नौरी

ग़ज़ल 7

अशआर 16

ख़ुद तराशना पत्थर और ख़ुदा बना लेना

आदमी को आता है क्या से क्या बना लेना

  • शेयर कीजिए

तुम्हारी राह में आँखें बिछाए बैठा हूँ

तुम्हारे आने की हालाँकि कोई आस नहीं

  • शेयर कीजिए

ज़िंदगी का भी किया भरोसा है

ज़िंदगी की क़सम भी क्या खाऊँ

  • शेयर कीजिए

हमारा दिल तो ग़म में भी ख़ुशी महसूस करता है

वही मुश्किल में रहते हैं जो ग़म को ग़म समझते हैं

  • शेयर कीजिए

हर इक की है पसंद अपनी हर इक का है मिज़ाज अपना

वफ़ा मुझ को पसंद आई पसंद आई जफ़ा उस को

  • शेयर कीजिए

पुस्तकें 3

 

"दिल्ली" के और शायर

Recitation

बोलिए