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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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रशीद रामपुरी

1892 - 1964

रशीद रामपुरी

पुस्तकें 1

 

ऑडियो 19

अल्लाह रे हौसला मिरे क़ल्ब-ए-दो-नीम का

अहल-ए-नज़र की आँख में हुस्न की आबरू नहीं

इन हसीनों की मोहब्बत का भरोसा क्या है

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