रशीद रामपुरी की गिनती ग़ज़ल के लोकप्रिय शाइरों में होती है. उनकी शाइरी अपने क्लासिकी रंग व आहंग और विषय की व्यापकता के कारण बहुत प्रसिद्ध हुई और दिलचस्पी के साथ पढ़ी गयी. रशीद ने विभिन्न विधाओं में प्रचुर मात्रा में शाइरी की. उनके लगभग पन्द्रह काव्य संग्रह प्रकाशित हुए और इससे ज़्यादा अप्रकाशित रहे.
रशीद 1892 में रामपुर में पैदा हुए. अरबी-फ़ारसी और इस्लामियात की शिक्षा प्राप्त करने के बाद लखनऊ से हकीमी की शिक्षा प्राप्त की. रशीद शिक्षा प्राप्ति और नौकरी की वजह से 22 वर्षों तक लखनऊ में रहे. लखनऊ में उनके इस दीर्घ प्रवास का प्रभाव भी उनकी शाइरी पर नज़र आता है. 18 अप्रैल 1964 को लखनऊ में देहांत हुआ.