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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

राशिद हामिदी

ग़ज़ल 3

 

अशआर 2

आग बरसाए ख़ुशी से कोई सूरज से कहो

मैं कोई मोम नहीं हूँ कि पिघल जाऊँगा

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मैं अभी उस के तसव्वुर में मगन हूँ 'राशिद'

वो भी जाए तो कह दो अभी बाहर ठहरे

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