रूही कंजाही
ग़ज़ल 24
अशआर 1
वो तवज्जोह दे न दे लेकिन सदा देते रहो
अपने होने का उसे 'रूही' पता देते रहो
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere