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सदा अम्बालवी

1951 | गुड़गाँव, भारत

राजेंद्र सिंह/लोकप्रिय शायर/अपनी गज़ल 'वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे' के लिए मशहूर, जिसे गाया गया है

राजेंद्र सिंह/लोकप्रिय शायर/अपनी गज़ल 'वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे' के लिए मशहूर, जिसे गाया गया है

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गुलाम अब्बास खान

अज्ञात

अज्ञात

अज़ल के मुसव्विर से

अज़ल के मुसव्विर से अज्ञात

अज़ल के मुसव्विर से

अज़ल के मुसव्विर से अज्ञात

अज़ल के मुसव्विर से

अज़ल के मुसव्विर से अज्ञात

अज़ल के मुसव्विर से

अज़ल के मुसव्विर से राधिका चोपड़ा

अपने मरकज़ से कट गया हूँ मैं

अपने मरकज़ से कट गया हूँ मैं अज्ञात

अब कहाँ दोस्त मिलें साथ निभाने वाले

अब कहाँ दोस्त मिलें साथ निभाने वाले राधिका चोपड़ा

अब कहाँ दोस्त मिलें साथ निभाने वाले

अब कहाँ दोस्त मिलें साथ निभाने वाले ग़ुलाम अब्बास

अब कहाँ दोस्त मिलें साथ निभाने वाले

अब कहाँ दोस्त मिलें साथ निभाने वाले ग़ुलाम अब्बास

आओ कि अब तो जुरअत-ए-जुर्म-ए-सुख़न करें

आओ कि अब तो जुरअत-ए-जुर्म-ए-सुख़न करें गुलाम अब्बास खान

आँखों का है क़ुसूर अगर वो अयाँ नहीं

आँखों का है क़ुसूर अगर वो अयाँ नहीं ग़ुलाम अब्बास

आँखों का है क़ुसूर अगर वो अयाँ नहीं

आँखों का है क़ुसूर अगर वो अयाँ नहीं अज्ञात

आज फिर जीने का ऐ दोस्त इरादा कर तू

आज फिर जीने का ऐ दोस्त इरादा कर तू गुलाम अब्बास खान

आज फिर जीने का ऐ दोस्त इरादा कर तू

आज फिर जीने का ऐ दोस्त इरादा कर तू गुलाम अब्बास खान

आदमी पहले तो लाज़िम है कि इंसान बने

आदमी पहले तो लाज़िम है कि इंसान बने अज्ञात

आप की ओर इक नज़र देखा

आप की ओर इक नज़र देखा अज्ञात

आप की ओर इक नज़र देखा

आप की ओर इक नज़र देखा अज्ञात

आबले होंगे वो झट फूट के बहने वाले

आबले होंगे वो झट फूट के बहने वाले ग़ुलाम अब्बास

इक उम्र की तलाश का क्या है सिला मिला

इक उम्र की तलाश का क्या है सिला मिला ग़ुलाम अब्बास

और क्या चाहिए जीने के लिए

और क्या चाहिए जीने के लिए गुलाम अब्बास खान

और क्या चाहिए जीने के लिए

और क्या चाहिए जीने के लिए अज्ञात

और क्या चाहिए जीने के लिए

और क्या चाहिए जीने के लिए अज्ञात

क़दम-क़दम पे तू ऐ राह-रौ क़याम न कर

क़दम-क़दम पे तू ऐ राह-रौ क़याम न कर अज्ञात

कब तक आँखें मूँद के बैठें

कब तक आँखें मूँद के बैठें गुलाम अब्बास खान

कभी लगता है ज़र्रे के बराबर है बिसात अपनी

कभी लगता है ज़र्रे के बराबर है बिसात अपनी अज्ञात

क्या है हाथों की लकीरों में बताओ न मुझे

क्या है हाथों की लकीरों में बताओ न मुझे ग़ुलाम अब्बास

क्या है हाथों की लकीरों में बताओ न मुझे

क्या है हाथों की लकीरों में बताओ न मुझे ग़ुलाम अब्बास

क्यों कहीं बैठ के दम लेते नहीं एक घड़ी

क्यों कहीं बैठ के दम लेते नहीं एक घड़ी गुलाम अब्बास खान

क्यों कहीं बैठ के दम लेते नहीं एक घड़ी

क्यों कहीं बैठ के दम लेते नहीं एक घड़ी अज्ञात

क्यों मिलाते हो सर-ए-राह सर-ए-आम आँखें

क्यों मिलाते हो सर-ए-राह सर-ए-आम आँखें सुरेश वाडेकर

क्यों मिलाते हो सर-ए-राह सर-ए-आम आँखें

क्यों मिलाते हो सर-ए-राह सर-ए-आम आँखें गुलाम अब्बास खान

क्यों ये हसरत थी दिल लगाने की

क्यों ये हसरत थी दिल लगाने की ग़ुलाम अब्बास

करो दाग़-ए-दिल की सदा पासबानी

करो दाग़-ए-दिल की सदा पासबानी अज्ञात

करो लाख मुँह से नहीं नहीं

करो लाख मुँह से नहीं नहीं ग़ुलाम अब्बास

काम पड़ा याद आया मौला है ये तर्ज़-ए-इबादत कैसी

काम पड़ा याद आया मौला है ये तर्ज़-ए-इबादत कैसी ग़ुलाम अब्बास

किया क्या ऐ 'सदा' तू ने बता आ कर ज़माने में

किया क्या ऐ 'सदा' तू ने बता आ कर ज़माने में अज्ञात

किसी सलीम से जब है कोई ख़ता होती

किसी सलीम से जब है कोई ख़ता होती अज्ञात

कोई वाक़ि'आ हो या हादिसा कहूँ कैसे मैं कि बुरा हुआ

कोई वाक़ि'आ हो या हादिसा कहूँ कैसे मैं कि बुरा हुआ ग़ुलाम अब्बास

कोंपल कहीं फूटी है तो टूटी कहीं डाली

कोंपल कहीं फूटी है तो टूटी कहीं डाली ग़ुलाम अब्बास

ख़दशा था जिस के होने का आख़िर है हो गया

ख़दशा था जिस के होने का आख़िर है हो गया ग़ुलाम अब्बास

गुल-नामा

गुल-नामा गुलाम अब्बास खान

गुलशन-गुलशन ज़िक्र है उन का

गुलशन-गुलशन ज़िक्र है उन का ग़ुलाम अब्बास

छुपता नहीं नक़ाब में जल्वा शबाब का

छुपता नहीं नक़ाब में जल्वा शबाब का ग़ुलाम अब्बास

छुपता नहीं नक़ाब में जल्वा शबाब का

छुपता नहीं नक़ाब में जल्वा शबाब का अज्ञात

छम-छमा-छम छम

छम-छमा-छम छम गुलाम अब्बास खान

ज़ुल्फ़ लहरा के फ़ज़ा पहले मोअत्तर कर दे

ज़ुल्फ़ लहरा के फ़ज़ा पहले मोअत्तर कर दे गुलाम अब्बास खान

जा रे जा बदरा

जा रे जा बदरा गुलाम अब्बास खान

जा रे जा बदरा

जा रे जा बदरा राधिका चोपड़ा

जी में है तोड़ दें सुबू और गिरा दें जाम ये

जी में है तोड़ दें सुबू और गिरा दें जाम ये ग़ुलाम अब्बास

त'आरुफ़

त'आरुफ़ अज्ञात

तबी'अत रफ़्ता रफ़्ता ख़ूगर-ए-ग़म होती जाती है

तबी'अत रफ़्ता रफ़्ता ख़ूगर-ए-ग़म होती जाती है ग़ुलाम अब्बास

दु'आ

दु'आ अहमद हुसैन, मोहम्मद हुसैन

दु'आ

दु'आ सुरेश वाडेकर

दु'आ

दु'आ गुलाम अब्बास खान

दु'आ

दु'आ राधिका चोपड़ा

दु'आ

दु'आ अज्ञात

दुनिया में रह के दुनिया में शामिल नहीं हूँ मैं

दुनिया में रह के दुनिया में शामिल नहीं हूँ मैं अज्ञात

दसहरा

दसहरा अज्ञात

दिल के कहने पर चल निकला

दिल के कहने पर चल निकला अज्ञात

दिल के कहने पर चल निकला

दिल के कहने पर चल निकला अज्ञात

दिल के कहने पर चल निकला

दिल के कहने पर चल निकला अज्ञात

दिल के कहने पर चल निकला

दिल के कहने पर चल निकला सुरेश वाडेकर

दिल न माना मना के देख लिया

दिल न माना मना के देख लिया गुलाम अब्बास खान

न ज़िक्र गुल का कहीं है न माहताब का है

न ज़िक्र गुल का कहीं है न माहताब का है अज्ञात

न हीरे जवाहिर न ज़र बख़्श मौला

न हीरे जवाहिर न ज़र बख़्श मौला सुरेश वाडेकर

न हीरे जवाहिर न ज़र बख़्श मौला

न हीरे जवाहिर न ज़र बख़्श मौला ग़ुलाम अब्बास

नज़र का अपनी नज़रिया बदल के देख ज़रा

नज़र का अपनी नज़रिया बदल के देख ज़रा ग़ुलाम अब्बास

नज़र ने कर दिया ग़ाएब दिखाया दिल ने जो जल्वा

नज़र ने कर दिया ग़ाएब दिखाया दिल ने जो जल्वा अज्ञात

नज़र-नज़र में डार कर दिल-ओ-जिगर पे वार कर

नज़र-नज़र में डार कर दिल-ओ-जिगर पे वार कर गुलाम अब्बास खान

निगाह ख़ुद पे टिकी थी तो और क्या दिखता

निगाह ख़ुद पे टिकी थी तो और क्या दिखता ग़ुलाम अब्बास

निगाह ख़ुद पे टिकी थी तो और क्या दिखता

निगाह ख़ुद पे टिकी थी तो और क्या दिखता अज्ञात

नींद आई ही नहीं हम को न पूछो कब से

नींद आई ही नहीं हम को न पूछो कब से अज्ञात

नींद आई ही नहीं हम को न पूछो कब से

नींद आई ही नहीं हम को न पूछो कब से ग़ुलाम अब्बास

पत्ता पत्ता क्यों है दिल अफ़गार इस गुलज़ार का

पत्ता पत्ता क्यों है दिल अफ़गार इस गुलज़ार का अज्ञात

फिर भी अपना देश है चंगा

फिर भी अपना देश है चंगा अज्ञात

बे-क़रारी जो इधर है वो उधर है कि नहीं

बे-क़रारी जो इधर है वो उधर है कि नहीं ग़ुलाम अब्बास

बूँद की चाह

बूँद की चाह ग़ुलाम अब्बास

बला से अपनी अब आती रहे बहार कभी

बला से अपनी अब आती रहे बहार कभी ग़ुलाम अब्बास

मंज़र-ए-रुख़्सत-ए-दिलदार भुलाया न गया

मंज़र-ए-रुख़्सत-ए-दिलदार भुलाया न गया अज्ञात

मत कह बुरा किसी को जो कोई बुरा भी है

मत कह बुरा किसी को जो कोई बुरा भी है ग़ुलाम अब्बास

मुदाम चलना है मुश्किल तो मेरे साथ न चल

मुदाम चलना है मुश्किल तो मेरे साथ न चल सुरेश वाडेकर

मुदाम चलना है मुश्किल तो मेरे साथ न चल

मुदाम चलना है मुश्किल तो मेरे साथ न चल गुलाम अब्बास खान

मिरे साक़िया सुराही मिरे हाथ में थमा दे

मिरे साक़िया सुराही मिरे हाथ में थमा दे ग़ुलाम अब्बास

मिरी तौबा जो टूटी है शरारत सब फ़ज़ा की है

मिरी तौबा जो टूटी है शरारत सब फ़ज़ा की है अज्ञात

मिली दिल की अपने ख़बर सनम तुझे दिल में जब से बसा लिया

मिली दिल की अपने ख़बर सनम तुझे दिल में जब से बसा लिया गुलाम अब्बास खान

मिली दिल की अपने ख़बर सनम तुझे दिल में जब से बसा लिया

मिली दिल की अपने ख़बर सनम तुझे दिल में जब से बसा लिया अज्ञात

ये ग़ज़ाल सी निगाहें ये शबाब ये अदाएँ

ये ग़ज़ाल सी निगाहें ये शबाब ये अदाएँ राधिका चोपड़ा

ये ग़ज़ाल सी निगाहें ये शबाब ये अदाएँ

ये ग़ज़ाल सी निगाहें ये शबाब ये अदाएँ अज्ञात

ये ग़ज़ाल सी निगाहें ये शबाब ये अदाएँ

ये ग़ज़ाल सी निगाहें ये शबाब ये अदाएँ अज्ञात

ये ग़ज़ाल सी निगाहें ये शबाब ये अदाएँ

ये ग़ज़ाल सी निगाहें ये शबाब ये अदाएँ अज्ञात

ये ग़ज़ाल सी निगाहें ये शबाब ये अदाएँ

ये ग़ज़ाल सी निगाहें ये शबाब ये अदाएँ ग़ुलाम अब्बास

ये झुकी-झुकी सी नज़र सनम

ये झुकी-झुकी सी नज़र सनम गुलाम अब्बास खान

रहबर ही न बन दोस्त का भी फ़र्ज़ निभा दोस्त

रहबर ही न बन दोस्त का भी फ़र्ज़ निभा दोस्त ग़ुलाम अब्बास

लाख तक़दीर पे रोए कोई रोने वाला

लाख तक़दीर पे रोए कोई रोने वाला अज्ञात

लोग कहें दीवाना तुझ को तू समझे तू दाना है

लोग कहें दीवाना तुझ को तू समझे तू दाना है ग़ुलाम अब्बास

वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे

वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे ग़ुलाम अब्बास

शहर में मिलते हैं मुश्किल से कहीं चार काँधे भी उठाने के लिए

शहर में मिलते हैं मुश्किल से कहीं चार काँधे भी उठाने के लिए ग़ुलाम अब्बास

शहर में मिलते हैं मुश्किल से कहीं चार काँधे भी उठाने के लिए

शहर में मिलते हैं मुश्किल से कहीं चार काँधे भी उठाने के लिए ग़ुलाम अब्बास

सब दवाएँ तो हुईं अब ये दु'आ हो जाए

सब दवाएँ तो हुईं अब ये दु'आ हो जाए ग़ुलाम अब्बास

सब से प्यारा है प्यार का रिश्ता

सब से प्यारा है प्यार का रिश्ता अज्ञात

साक़िया लुत्फ़ मय का जब आए

साक़िया लुत्फ़ मय का जब आए ग़ुलाम अब्बास

साथ क्या सच का दे दिया हम ने

साथ क्या सच का दे दिया हम ने ग़ुलाम अब्बास

सामने जब है आइना होता

सामने जब है आइना होता ग़ुलाम अब्बास

सितारों की दुनिया से बाहर निकल के

सितारों की दुनिया से बाहर निकल के गुलाम अब्बास खान

हक़ की है गर तलाश तो ये मान कर चलो

हक़ की है गर तलाश तो ये मान कर चलो अज्ञात

हज़रत अमीर ख़ुसरव की नज़्म का तख़लीक़ी तर्जुमा

हज़रत अमीर ख़ुसरव की नज़्म का तख़लीक़ी तर्जुमा गुलाम अब्बास खान

हम से हुई कि आप से ये बहस है फ़ुज़ूल

हम से हुई कि आप से ये बहस है फ़ुज़ूल ग़ुलाम अब्बास

हर फ़िक्र से बेगाना-ओ-अंजान बना दे

हर फ़िक्र से बेगाना-ओ-अंजान बना दे ग़ुलाम अब्बास

हँसते-हँसते न सही रो के ही कट जाने दो

हँसते-हँसते न सही रो के ही कट जाने दो अज्ञात

हस्ती मिटा कर अपनी जब इक बूँद सागर में गिरी

हस्ती मिटा कर अपनी जब इक बूँद सागर में गिरी ग़ुलाम अब्बास

हार में फँस के लटकने में मज़ा क्या है बता

हार में फँस के लटकने में मज़ा क्या है बता ग़ुलाम अब्बास

अब कहाँ दोस्त मिलें साथ निभाने वाले

अब कहाँ दोस्त मिलें साथ निभाने वाले गुलाम अब्बास खान

चलो कि हम भी ज़माने के साथ चलते हैं

चलो कि हम भी ज़माने के साथ चलते हैं गुलाम अब्बास खान

यूँ तो इक 'उम्र साथ साथ हुई

यूँ तो इक 'उम्र साथ साथ हुई गुलाम अब्बास खान

यूँ तो इक 'उम्र साथ साथ हुई

यूँ तो इक 'उम्र साथ साथ हुई राधिका चोपड़ा

वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे

वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे राधिका चोपड़ा

वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे

वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे गुलाम अब्बास खान

वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे

वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे सुरेश वाडेकर

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