सहबा लखनवी का परिचय
सहबा लखनवी एक अच्छे शाइर और ‘अफ़कार’ जैसे अहम रिसाले के सम्पादक के रूप में मशहूर हैं। उनकी पैदाइश 25 दिसम्बर 1919 को हुई। सय्यद शराफ़त अली नाम था, सहबा तख़ल्लुस अपनाया। अमीरुद्दौला इस्लामिया काॅलेज, लखनऊ और इस्माइल यूसुफ़ काॅलेज, मुम्बई से शिक्षा प्राप्त की। लखनऊ के अदबी माहौल के असर से बहुत छोटी उम्र में ही शेर कहने लगे थे। उनकी पहली ग़ज़ल साप्ताहिक ‘आफ़ताब’ में 1931 में प्रकाशित हुई। पहला काव्य-संग्रह ‘माहपारे’ के नाम से 1940 में भोपाल से प्रकाशित हुआ।
शाइरी के साथ सहबा ने अच्छे आलोचनात्मक आलेख भी लिखे। 1958 में असरार-उल-हक़ मजाज़ के व्यक्तित्व और शाइरी पर उनकी एक किताब ‘मजाज़ः एक आहंग’ के नाम से प्रकाशित हुई। ‘इक़बाल और भोपाल’ के नाम से भी एक शोधपूर्ण किताब लिखी। ‘बर्तानिया में उर्दू’ उनकी एक ऐसी किताब है जिसमें उन्होंने उर्दू के हवाले से भाषाविदों द्वारा किए गए कामों की विवेचना की है। सहबा ने बच्चों के लिए भी बहुत सी कहानियाँ लिखीं।