aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Saleem Kausar's Photo'

पाकिस्तान के चर्चित शायर। अपनी ग़ज़ल ' मैं ख़याल हूँ किसी और का ' के लिए मशहूर।

पाकिस्तान के चर्चित शायर। अपनी ग़ज़ल ' मैं ख़याल हूँ किसी और का ' के लिए मशहूर।

सलीम कौसर

ग़ज़ल 57

नज़्म 19

अशआर 49

क़ुर्बतें होते हुए भी फ़ासलों में क़ैद हैं

कितनी आज़ादी से हम अपनी हदों में क़ैद हैं

कहानी लिखते हुए दास्ताँ सुनाते हुए

वो सो गया है मुझे ख़्वाब से जगाते हुए

और इस से पहले कि साबित हो जुर्म-ए-ख़ामोशी

हम अपनी राय का इज़हार करना चाहते हैं

मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है

सर-ए-आईना मिरा अक्स है पस-ए-आईना कोई और है

हम ने तो ख़ुद से इंतिक़ाम लिया

तुम ने क्या सोच कर मोहब्बत की

पुस्तकें 3

 

चित्र शायरी 6

 

वीडियो 18

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

सलीम कौसर

सलीम कौसर

सलीम कौसर

सलीम कौसर

सलीम कौसर

सलीम कौसर

सलीम कौसर

सलीम कौसर

Reading nazm "Taaza Khabar"

सलीम कौसर

Saleem Kausar at amushaira in 2003

सलीम कौसर

कहीं तुम अपनी क़िस्मत का लिखा तब्दील कर लेते

सलीम कौसर

कुछ भी था सच के तरफ़-दार हुआ करते थे

सलीम कौसर

तुझ से बढ़ कर कोई प्यारा भी नहीं हो सकता

सलीम कौसर

दस्त-ए-दुआ को कासा-ए-साइल समझते हो

सलीम कौसर

मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है

सलीम कौसर

वो जो आए थे बहुत मंसब-ओ-जागीर के साथ

सलीम कौसर

संबंधित शायर

"कराची" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए