सालिम सलीम
ग़ज़ल 34
नज़्म 1
अशआर 50
भरे बाज़ार में बैठा हूँ लिए जिंस-ए-वजूद
शर्त ये है कि मिरी ख़ाक की क़ीमत दी जाए
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नअत 1
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चित्र शायरी 2
वीडियो 12
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