सनाउल्लाह ज़हीर
ग़ज़ल 4
अशआर 7
कहानी फैल रही है उसी के चारों तरफ़
निकालना था जिसे दास्ताँ के अंदर से
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere