Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Saqi Faruqi's Photo'

प्रमुख और नई दिशा देने वाले आधुनिक शायर

प्रमुख और नई दिशा देने वाले आधुनिक शायर

साक़ी फ़ारुक़ी

ग़ज़ल 60

नज़्म 42

अशआर 57

मुझे ख़बर थी मिरा इंतिज़ार घर में रहा

ये हादसा था कि मैं उम्र भर सफ़र में रहा

  • शेयर कीजिए

मुद्दत हुई इक शख़्स ने दिल तोड़ दिया था

इस वास्ते अपनों से मोहब्बत नहीं करते

ये क्या तिलिस्म है क्यूँ रात भर सिसकता हूँ

वो कौन है जो दियों में जला रहा है मुझे

इक याद की मौजूदगी सह भी नहीं सकते

ये बात किसी और से कह भी नहीं सकते

अब घर भी नहीं घर की तमन्ना भी नहीं है

मुद्दत हुई सोचा था कि घर जाएँगे इक दिन

पुस्तकें 17

वीडियो 8

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
ख़ामुशी छेड़ रही है कोई नौहा अपना

साक़ी फ़ारुक़ी

मैं खिल नहीं सका कि मुझे नम नहीं मिला

साक़ी फ़ारुक़ी

मैं तेरे ज़ुल्म दिखाता हूँ अपना मातम करने के लिए

साक़ी फ़ारुक़ी

ये कौन आया शबिस्ताँ के ख़्वाब पहने हुए

साक़ी फ़ारुक़ी

रात नादीदा बलाओं के असर में हम थे

साक़ी फ़ारुक़ी

हैं सेहर-ए-मुसव्विर में क़यामत नहीं करते

साक़ी फ़ारुक़ी

हिरास फैल गया है ज़मीन-दानों में

साक़ी फ़ारुक़ी

ऑडियो 69

अभी नज़र में ठहर ध्यान से उतर के न जा

आग हो दिल में तो आँखों में धनक पैदा हो

इक रात हम ऐसे मिलें जब ध्यान में साए न हों

Recitation

संबंधित ब्लॉग

 

संबंधित शायर

Recitation

Join us for Rekhta Gujarati Utsav | 19th Jan 2025 | Bhavnagar

Register for free
बोलिए