दीवाना, सरदार मोहन सिंह (1899-1984) पंजाब के प्रमुख शाइरों में थे। रावलपिंडी में पैदा हुए। कलकत्ता युनिवर्सिटी से आधुनिक उर्दू शाइरी के विषय पर पी.एच.डी और पंजाबी साहित्य के इतिहास पर पंजाब युनिवर्सिटी से डी.लिट की डिग्री हासिल की। कई साल ओरियन्टल कालेज, लाहौर में अंग्रेज़ी और पंजाबी के उस्ताद रहे। उर्दू और पंजाबी में शाइरी करते थे। विभाजन के बाद हिन्दोस्तान आ गए।