यार भी राह की दीवार समझते हैं मुझे
मैं समझता था मिरे यार समझते हैं मुझे
शाहिद ज़की उर्दू शायरी का एक अहम नाम हैं, जो अपनी गहरी सोच और दिल को छूने वाली शायरी के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी ग़ज़लों में प्रेम, जुदाई और जीवन के अनुभवों को बहुत सरल और खूबसूरत अंदाज़ में पेश किया जाता है। उनकी ग़ज़लों में परंपरा और आधुनिकता का बेहतरीन मेल देखने को मिलता है, जो सुनने वालों को बेहद पसंद आता है।
शाहिद ज़की न सिर्फ़ एक उम्दा शायर हैं, बल्कि उनके शायरी सुनाने का अंदाज़ भी ऐसा है जो हर दिल को छू जाता है। उनके अशआर नए शायरों को प्रेरित करते हैं और उर्दू साहित्य में उनका एक ख़ास स्थान है। उनकी मौजूदगी किसी भी मुशायरे को और ख़ास बना देती है