aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
जुदाई से ज़ियादा जान-लेवा
मोहब्बत में मोहब्बत की कमी है
वो मिरे बस को कैसे समझेगा
जो मिरी बेबसी को समझा नहीं
ये जहाँ एक तमाशा है सभी कहते हैं
तुम न होते तो इसे हम भी तमाशा कहते
कभी ये ग़म था कि समझा नहीं कोई हम को
और अब ये डर कि किसी ने समझ लिया ही न हो
इतने डूबे हुए थे जीने में
मुद्दतों ज़िंदगी को समझा नहीं
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