शाहरुख़ अबीर के शेर
'मीर' की क्या ग़ज़ल पढ़ी हम ने
आशिक़ी में भी जल रहे हैं हम
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टैग : मीर तक़ी मीर
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere