शारिब लखनवी के शेर
वो मिरे पास से गुज़रे तो ये मालूम हुआ
ज़िंदगी यूँ भी दबे पाँव गुज़र जाती है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
गुल तोड़ लिया शाख़ से ये कह के ख़िज़ाँ ने
ये एक तबस्सुम का गुनहगार हुआ है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड