शोला अलीगढ़ी
ग़ज़ल 8
अशआर 2
ईद को भी वो नहीं मिलते हैं मुझ से न मिलें
इक बरस दिन की मुलाक़ात है ये भी न सही
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
बुतों में कोई भलाई भी है सिवाए सितम
बुरा हो तेरा दिल-ए-ना-सज़ा किधर आया
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए