उपनाम : 'मस्त'
मूल नाम : सय्यद ग़ुलाम मोहम्मद
मस्तकलकत्तवी, सय्यद ग़ुलाम मोहम्मद (1896-1941)अपने ज़माने के अत्यंत लोकप्रिय शाइर जिनके कई शेर आजभी लोगों की ज़बान पर हैं। अपने तख़ल्लुस (उपनाम) ही की तरह मस्त-मौला व्यक्ति थे। पैसों के लिए क़व्वालियाँ लिखते थे जो बहुत मश्हूर हुईं। अपना कलाम न यकजा किया न छपवाया, इसी लिए आज उन के बहुत से शेर ज़िन्दा मौजूद हैं और शाइर गुम हो गया है।