सय्यद नसीर शाह के शेर
क़िस्मत के बाज़ार से बस इक चीज़ ही तो ले सकते थे
तुम ने ताज उठाया मैं ने 'ग़ालिब' का दीवान लिया
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टैग : मिर्ज़ा ग़ालिब
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