न कहीं से दूर हैं मंज़िलें न कोई क़रीब की बात है सय्नायद सिर जहाँ
ओ देस से आने वाले बता सय्नायद सिर जहाँ
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
सय्नायद सिर जहाँ
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