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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Tahira Jabeen Tara's Photo'

ताहिरा जबीन तारा

1979 | चकवाल, पाकिस्तान

ताहिरा जबीन तारा

ग़ज़ल 9

नज़्म 1

 

अशआर 3

मिल के लगा है आज ज़माने ठहर गए

तुझ से बिछड़ के वक़्त गुज़ारा नहीं गया

ये आँख नम थी ज़बाँ पर मगर सवाल था

हम अपनी ज़ात में गुम थे कोई ख़याल था

सजा लिया है हथेली पे हम ने उस का नाम

इस लिए तो बिछड़ जाने का मलाल था

 

नस्री-नज़्म 9

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