तालिब अंसारी
ग़ज़ल 1
नज़्म 1
अशआर 1
दुनिया से मैं ने भी कोई रग़बत नहीं रखी
उस ने भी मुझ से सर्फ़-ए-नज़र कर लिया तो क्या
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere