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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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तस्लीम फ़ाज़ली

1947 - 1982 | कराची, पाकिस्तान

तस्लीम फ़ाज़ली

ग़ज़ल 1

 

अशआर 1

रफ़्ता रफ़्ता वो हमारे दिल के अरमाँ हो गए

पहले जाँ फिर जान-ए-जाँ फिर जान-ए-जानाँ हो गए

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गीत 1

 

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