वेद राही
ग़ज़ल 4
अशआर 4
उन को भूले ज़माना होता है
अश्क आँखों में फिर भी भर आए
- 
                                                            शेयर कीजिए
 - ग़ज़ल देखिए
 
हम ने दुनिया में क्या नहीं देखा
देखिए और देखना क्या है
- 
                                                            शेयर कीजिए
 - ग़ज़ल देखिए
 
चाँद बिखरा रहा है किरनों को
कौन आता है सर को निहुड़ाए
- 
                                                            शेयर कीजिए
 - ग़ज़ल देखिए
 
ख़ास अंदाज़ जब सुख़न का न हो
शाएरी शाएरी नहीं होती
- 
                                                            शेयर कीजिए
 - ग़ज़ल देखिए