Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Vishal Khullar's Photo'

विशाल खुल्लर

1980 | लुधियाना, भारत

विशाल खुल्लर के शेर

934
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

मेरे दुख की दवा भी रखता है

ख़ुद को मुझ से जुदा भी रखता है

वो जिस्म रूह ख़ला आसमान है क्या है

कि रंग कोई हो उस से जुदा नहीं मिलता

आग दरिया को इशारों से लगाने वाला

अब के रूठा है बहुत मुझ को मनाने वाला

ग्रंथ इक प्रेम का पढ़ा मुझ को

और किताबों का ज्ञान रहने दे

दिल जो अब शोर करता रहता है

किस क़दर बे-ज़बान था पहले

उसे तुम चाँद से तश्बीह देना

कि उस के हाथ में ख़ंजर खुला था

मैं इंसाँ था ख़ुदा होने से पहले

अनल-हक़ की अना होने से पहले

उसी के शेर सभी और उसी के अफ़्साने

उसी की प्यास का बादल घटा में आया है

लुत्फ़-ए-मंज़िल हौसलों से लगा था गाम गाम

तू सफ़र में साथ था तो रास्ता अच्छा लगा

दीवार-ओ-दर सा चाहिए दीवार-ओ-दर मुझे

दीवानगी में याद नहीं अपना घर मुझे

असीर-ए-ज़ुल्फ़ को शायद यहीं रिहाई है

पुकारता हूँ जिसे वो सदा में आया है

Recitation

बोलिए