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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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वाहिद एजाज़ मीर

ग़ज़ल 2

 

नज़्म 1

 

अशआर 1

ये जो हम लोग हैं एहसास में जलते हुए लोग

हम ज़मीं-ज़ाद होते तो सितारे होते

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