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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

ज़फ़र अनवर

ग़ज़ल 3

 

अशआर 3

ख़ून-ए-जिगर आँखों से बहाया ग़म का सहरा पार किया

तेरी तमन्ना की क्या हम ने जीवन को आज़ार किया

दिल की ज़ख़्मों को किया करता है ताज़ा हर-दम

फिर सितम ये है कि रोने भी नहीं देता है

बात जब है कि हर इक फूल को यकसाँ समझो

सब का आमेज़ा वही आब वही गिल भी वही

 

पुस्तकें 4

 

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