ज़ेबुन्निसा ज़ेबी के शेर
ये ज़िंदगी है अपनी कभी ख़ुश कभी उदास
इस कश्मकश से मुझ को ख़ुदाया रिहाई दे
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere