aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "'gaurii'"
ज़ेब ग़ौरी
1928 - 1985
शायर
ग़ुलाम मुर्तज़ा राही
born.1937
ज़फ़र गौरी
आबिद मुनावरी
born.1938
गोपी चंद नारंग
1931 - 2022
लेखक
इब्राहीम अश्क
born.1951
विक्रम गौर वैरागी
अज़हर ग़ौरी नदवी
born.1949
ग़ौस ख़ाह मख़ाह हैदराबादी
1929 - 2017
अब्र अहसनी गनौरी
1898 - 1973
अम्न लख़नवी
1898 - 1983
सुल्तान गौरी
born.1928
गौरव कुमार
born.1999
मख़मूर जालंधरी
1915 - 1985
करामत गौरी
बड़े अज़ाब में हूँ मुझ को जान भी है अज़ीज़सितम को देख के चुप भी रहा नहीं जाता
ज़ख़्म लगा कर उस का भी कुछ हाथ खुलामैं भी धोका खा कर कुछ चालाक हुआ
दिल है कि तिरी याद से ख़ाली नहीं रहताशायद ही कभी मैं ने तुझे याद किया हो
मिरी जगह कोई आईना रख लिया होतान जाने तेरे तमाशे में मेरा काम है क्या
गहरी रात है और तूफ़ान का शोर बहुतघर के दर-ओ-दीवार भी हैं कमज़ोर बहुत
भारत में अग्रणी आधुनिक शायरों में विख्यात।
Zard Zarkhez
ग़ज़ल
Yaksan Civil Code : Tareekh Ke Tanazur Mein
उमर हयात ख़ाँ ग़ौरी
संविधान / आईन
साख़तियात, पस साख़तियात और मशरिक़ी शेरियात
आलोचना
Urdu Ki Nai Kitab
पाठ्य पुस्तक
Urdu Zaban Aur Lisaniyat
भाषा
Chak
Khandan-e-Ghaznawi-o-Ghauri
अब्दुर रहमान देहलवी
भारत का इतिहास
ग़ालिब
Dayar-e-Tipu Ki Sair
सफ़र-नामा / यात्रा-वृतांत
Jadeediyat Ke Baad
Urdu Ghazal Aur Hindustani Zahen-o-Tahzeeb
ग़ज़ल तन्क़ीद
हिन्दुस्तान की तहरीक-ए-आज़ादी और उर्दू शायरी
शायरी तन्क़ीद
Adabi Tanqeed Aur Usloobiyat
Taraqqi Pasandi Jadidiyat Mabaad Jadidiyat
लेख
Urdu Ki Taleem Ke Lisaniyati Pahlu
वो और मोहब्बत से मुझे देख रहा होक्या दिल का भरोसा मुझे धोका ही हुआ हो
जितना देखो उसे थकती नहीं आँखें वर्नाख़त्म हो जाता है हर हुस्न कहानी की तरह
दिल को सँभाले हँसता बोलता रहता हूँ लेकिनसच पूछो तो 'ज़ेब' तबीअत ठीक नहीं होती
अधूरी छोड़ के तस्वीर मर गया वो 'ज़ेब'कोई भी रंग मयस्सर न था लहू के सिवा
घसीटते हुए ख़ुद को फिरोगे 'ज़ेब' कहाँचलो कि ख़ाक को दे आएँ ये बदन उस का
जाग के मेरे साथ समुंदर रातें करता हैजब सब लोग चले जाएँ तो बातें करता है
सितमगरों का तरीक़-ए-जफ़ा नहीं जाताकि क़त्ल करना हो जिस को कहा नहीं जाता
ये कम है क्या कि मिरे पास बैठा रहता हैवो जब तलक मिरे दिल को दुखा नहीं जाता
ज़ख़्म ही तेरा मुक़द्दर हैं दिल तुझ को कौन सँभालेगाऐ मेरे बचपन के साथी मेरे साथ ही मर जाना
मैं पयम्बर तिरा नहीं लेकिनमुझ से भी बात कर ख़ुदा मेरे
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