आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ",jAl"
अत्यधिक संबंधित परिणाम ",jal"
पृष्ठ के संबंधित परिणाम ",jal"
अन्य परिणाम ",jal"
नज़्म
आवारा
ये रुपहली छाँव ये आकाश पर तारों का जाल
जैसे सूफ़ी का तसव्वुर जैसे आशिक़ का ख़याल
असरार-उल-हक़ मजाज़
ग़ज़ल
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई
दिल था कि फिर बहल गया जाँ थी कि फिर सँभल गई