Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Samar Kabir's Photo'

समर कबीर

1957

उर्दू ग़ज़ल के प्रतिष्ठित कवि, 'बज़्म-ए-तामीर-ए-अदब' के संस्थापक और कई साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित

उर्दू ग़ज़ल के प्रतिष्ठित कवि, 'बज़्म-ए-तामीर-ए-अदब' के संस्थापक और कई साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित

समर कबीर

ग़ज़ल 8

अशआर 10

रात बस्ती जली ग़रीबों की

सुब्ह अख़बार हो गए रौशन

  • शेयर कीजिए

और थोड़ा सा ज़हर घुलने दो

आदमी आदमी को तरसेगा

  • शेयर कीजिए

क़दम क़दम पे मिरे ख़्वाब जल रहे हैं यहाँ

मैं इस ज़मीन को जन्नत बनाने आया था

  • शेयर कीजिए

जो मिरे सोचने की बातें हैं

दूसरे सोचते हैं मेरे लिए

  • शेयर कीजिए

मेरी मज़दूरी के पैसे मुझे दे दो मालिक

आज बेटी मिरी ससुराल से आई हुई है

  • शेयर कीजिए

क़ितआ 5

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए